Tuesday 26 November 2013

अमर गायक मुकेश और मेरा संगीत

         दोस्तों ! मैं प्रारम्भ से ही मुकेश का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ | बल्कि ये कहिये की मेरी संगीत में रूचि ही मुकेश जी की वजह से प्रारम्भ हुई | एक बार बचपन में उनका गीत रेडियो पर सुना-"जाने चले जाते हैं कहाँ" और अगले ही पल जब उद्घोषक ने ये कहा कि मुकेश जी की पुण्यतिथि पर यह गीत प्रसारित हो रहा है तो मेरे बदन में सिहरन-सी दौड़ गयी थी | तभी मैंने महसूस किया कि वह व्यक्ति जो अब ज़िंदा नहीं है, अपनी आवाज़ के रूप में कितना हमारे करीब है | सच पूछिए तो तभी से संगीत मुझे लुभाने लगा था | अपने पिताजी के डर से और माँ के सहयोग से मैंने चोरी-छिपे बनारस के बुलानाला में स्थित "गुप्ता-संगीतालय" से हारमोनियम और गिटार सीखा | फिर दो साल संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प० जमुना प्रसाद मिश्र जी से तबला तथा प० जालपा प्रासाद मिश्र जी से गायन सीखा | एल-एल-बी० करने  के कारण गायन अधूरा रहा पर बाद में मैंने संगीत में अपना सीखना जारी रखा, हालांकि यह क्रमबद्ध नहीं हो पाया | संगीत से दूर रहना मुश्किल था, शायद इसीलिये बाद में संगीत की और दो उपाधियाँ मैंने ली |
       मुकेश जी के प्रभाव से संगीत से जुड़ा, इसलिए मैं उनके गीत खूब गाता और गुनगुनाता रहता था | उन दिनों मैं अक्सर मुंशी-घाट पर गर्मियों में नहाने जाया करता था, जहाँ देर तक मैं गंगा जी में नहाता और मुकेश के गीत गाता रहता था | उनके गीतों की और कई खूबसूरत यादें मेरे साथ जुड़ी हुई हैं जिन्हें मैं बाद में आपसे जरूर बताना चाहूँगा | 

Saturday 16 November 2013

"भारत रत्न" सचिन तेंदुलकर

       आज एक लम्बे समय तक भारत की आन, बा और शान रहे "भारत रत्न"  सचिन तेंदुलकर के लम्बे, महान और अविस्मरणीय कैरियर का सुखद पटाक्षेप हो गया | इस अवसर पर पूरे देश में लोगों की भावनाएं देखने लायक थी | अभूतपूर्व..... शायद ही किसी को ऐसी भावनात्मक विदाई मिली हो | और हो भी क्यों न ! आखिर दुनिया में सचिन एक ही तो हैं, उन्हें ऐसी विदाई मिलनी ही थी और वह इसके वास्तविक हकदार भी हैं | सोने पर सुहागा.....उन्हें भारत-रत्न मिलने की घोषणा....वाह......

       
    फिर भी एक टीस तो रहेगी........ काश ! ये उम्र ठहर जाती.......| है न !


अलविदा सचिन..... हम आप को कभी नहीं भूल पायेंगे.....| अब आप की किसी नयी पारी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा....

Friday 1 November 2013

राजेन्द्र यादव जी और के.पी.सक्सेना जी

    मित्रों, कुछ ही दिनों के अंतराल में हिन्दी साहित्य के दो रचनाकार काल-कवलित हो गए | समय के आगे किसी का जोर नहीं पर हम हिंदी-प्रेमी श्री राजेन्द्र यादव जी और के.पी.सक्सेना जी को हमेशा याद करेंगे | के.पी.सक्सेना के काव्यपाठ के तो हम सभी कायल थे  और राजेन्द्र जी के हिन्दी साहित्य में योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता | दोनों महापुरुषों को विनम्र श्रद्धांजलि...

Wednesday 16 October 2013

भारत ने इतिहास रचा

            जी हां ! आज भारत ने एक इतिहास रच दिया | एकदिवसीय मैच के इतिहास में यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है | भारत ने एक बड़े अंतर नौ विकेट से आज जीत हासिल कर पूरे भारत के खेल-प्रेमियों को अनोखा तोहफा दिया है |  आस्ट्रेलिया ने जब 359 रन बनाए तो कोई ये उम्मीद नहीं कर रहा था की आज भारत जीत पायेगा, पर रोहित शर्मा के नाबाद 141 रन, शिखर धवन के 95 रन और विराट कोहली के नाबाद 100 रनों ने आस्ट्रेलिया के इतने विशाल पहाड़ सरीखे स्कोर  को बौना साबित करते हुए इतिहास रच दिया | उन्होंने यह जीत अभी 39 गेंद रहते हासिल की जो इस विजय को और महत्वपूर्ण  बनाती है | सभी देशवासियों को यह ऐतिहासिक जीत मुबारक....

Saturday 13 July 2013

प्राण : एक युग का अंत

प्राण के देहांत के साथ ही फिल्म इतिहास के एक युग का अंत हो गया.....विनम्र श्रद्धांजलि...


Thursday 27 June 2013

चैम्पियंस की चैम्पियंस ट्राफी

        
      वाह ! ये हुई न बात ! चैम्पियंस ट्राफी में भारतीय टीम वाकई चैम्पियन की तरह खेली | कोई भी विरोधी टीम हो नतीजा हर बार भारत के पक्ष में रहा | बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी या फील्डिंग , हर विभाग में टीम ने औरों से बेहतर खेल दिखाया | फील्डिंग की वजह से हर बार विपक्षी टीम ने ३० से ४० रन कम बनाए; जिसका नतीजा ये रहा की वो टीम भारत का मुकाबला नहीं कर पाई | सबसे अच्छी बात ये रही की हमारी बल्लेबाजी पूरे रंग में रही | भारतीय टीम ने हर खेल में अच्छे रन बनाए; हालांकि फाइनल मुकाबला इसका अपवाद रहा पर उस समय बारिश की वजह से जो व्यवधान हुआ उसके कारण भी कुछ कम रन बने क्योंकि बल्लेबाजी की लय बार-बार टूट रही थी | फिर भी गेंदबाजों ने हिम्मत नहीं हारी और अच्छे फील्डिंग के साथ ने रोमांचक मैच का निर्णय भारत के पक्ष में कर दिया | गोल्डन बैट के विजेता शिखर धवन, मैन ऑफ़ द मैच और गोल्डन बाल के विजेता रवीन्द्र जडेजा ने बेहतरीन खेल जारी रखा तथा फाइनल में विराट कोहली ने भी अच्छे हाथ दिखाए और मैच के बाद डांस का क्या कहना ! है न ! भारतीय टीम को चैम्पियंस ट्राफी जीतने की बहुत-बहुत बधाई...

Tuesday 25 June 2013

मानवता अब तार-तार है

         मित्रों ! उत्तराखंड की घटना ने एक ऐसा घाव छोड़ा है जो शायद बरसों तक नहीं भर सकता | सबसे ज्यादा दुःख तो तब हुआ जब उस समय की कई घटनाओं के बारे में पता चला | कोई पानी बिना मर रहा था और कुछ लोग उस समय पानी का सौदा कर रहे थे और २०० रुपये अधिक दाम एक बोतल पानी का वसूल रहे थे | कुछ उस समय लाशों पर से गहने उतार रहे थे, और इसके लिए उन्होनें उन शवों की उंगलियाँ काटने से गुरेज नहीं किया | उनके सामने कई लोग मदद के लिए पुकार रहे थे मगर उन्होंने उन्हें अनसुना कर अपना काम जारी रखा | क्या हो गया है हमारे समाज को ? मानवता को ? कुछ पंक्तियाँ अपने–आप होंठ गुनगुनाते गए जिन्हें मैं आप को प्रेषित कर रहा हूँ |
       
मानवता अब तार-तार है, नैतिकता अब कहीं दफ़न है |
बीते पल ये कहते गुजरे, संभलो आगे और पतन है |

लुटे हुए को लूट रहे हैं, मरे हुए को काट रहे हैं;
कुछ ऐसे हैं आफ़त में भी; रुपये, गहने छांट रहे हैं;
मरते रहे कई पानी बिन, वे अपने धंधे में मगन हैं......

जो शासक हैं देख रहे हैं, उनको बस अपनी चिंता है;
मरती है तो मर जाए ये, ये जनता है वो नेता हैं;
आग लगाने खड़े हुए हैं जनता ओढ़े हुए कफ़न है...

भर जाते हैं घाव बदन के, मन के जख्म नहीं भरते;
आफ़त ही ये ऐसी आई, करते भी तो क्या करते;
क्या वे फिर से तीर्थ करेंगे, उजड़ा जिनका ये जीवन है...

Friday 21 June 2013

प्रकृति की महाविनाशलीला


         उत्तराखण्ड में प्रकृति की महाविनाशलीला देखने को मिली। गाँव के गाँव बह गए, जाने कितनी जानें गयीं। जाने कितने बेजुबान पशु-पक्षी असमय काल-के गाल में समा गए। समाचार-चैनलों के दृश्य वीभत्स रस की निष्पत्ति कर रहे हैं। सेना और आईटीबीपी के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर जिस तरह लोगों की जान बचा रहे हैं, उनके कार्य को शब्दों में बांधने की हिम्मत मैं नहीं करना चाहता; क्योंकि ये जवान इस समय भगवान से कम नहीं हैं। इस विनाश के लिए कौन जिम्मेदार है, इस समय यह चर्चा करने का उचित समय नहीं है, पर लापरवाही, बाँधों को बनाने में नियमों की अनदेखी, आपदा प्रबन्धन की विफलता से कई सवाल तो खड़े होते ही हैं। सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि इतनी बड़ी विनाशलीला के बाद भी हमारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सत्तारुढ़ और विपक्षी दलों के विभिन्न नेताओं का संवेदनहीन होकर एकदम चुप्पी साध लेना । होना तो ये चाहिए कि इस समय सभी मिलकर इस आपदा का सामना करते, तुरन्त आगे बढ़कर संवेदना दिखाते हुए कहीं नज़र आते; कुछ ऐसा कहते जिससे लोगों के जख्मों पर मरहम लगता, पर ऐसा नहीं हुआ । कई बार संवेदना के कुछ बोल बहुत असरकारक सिद्ध होते हैं, ऐसा लगता है कि कोई है जो हमारी खबर ले रहा है । जिनको इस घटना ने दर्द दिया है, उनका दर्द तो कोई दूर नहीं कर सकता पर उसे बांटने में ये कंजूसी क्यों है, ये समझ से परे है। दिवंगत सभी आत्माओं को श्रद्धांजलि और प्रभावित लोग पुनः सामान्य जीवन जी सकें, ऐसी कामना के साथ-साथ देश के उन वीर जवानों को सैल्यूट……जिनकी वजह से आज हजारों लोग जिन्दा हैं

Saturday 16 February 2013

खूबसूरत दक्षिणी अभिनेत्रियाँ

मित्रों ! फिल्मी दुनियाँ में दक्षिणी अभिनेत्रियों का बोलबाला शुरु से रहा है। उनकी खूबसूरती के चर्चे हिन्दी फिल्म संसार में भी होते रहे हैं। वैजयन्ती-माला, वहीदा रहमान, हेमामालिनी, रेखा, श्रीदेवी, जयाप्रदा, माधुरी दीक्षित आदि अभिनेत्रियों ने हिन्दी फिल्मों के दर्शकों के दिलों पर राज किया है । आज भी श्रिया सरन, अनुष्का शेट्टी, असिन, तमन्ना, इलियाना, चार्मी, काजल अग्रवाल आदि हीरोइनें फिर से हिन्दी फिल्मों में वही मुकाम  चाहती हैं जो कभी पुरानी अभिनेत्रियों ने पाया था। देखते हैं इनमें से कौन पूरे भारत के दर्शकों के दिलों पर राज कर पाती है।

 
श्रिया सरन     
     
   
 अनुष्का शेट्टी 

  
असिन

  
काजल अग्रवाल 

  
चार्मी