Wednesday 19 December 2012

डंकन फ़्लेचर क्यों?

                                                             Photo from znn.india.com
       दोस्तों ! भारतीय क्रिकेट आज जितना नीचे जा चुका है, वह किसी से छुपा नहीं है। लेकिन मूल कारण क्या है इस पर चर्चा बहुत ही कम होती है। वह कारण है भारतीय टीम का कोच। भारत ने विदेशी कोच रखने का जो सिलसिला प्रारम्भ किया है वह कुछ समय के लिये तो ठीक था परन्तु हमेशा के लिये ठीक नहीं है। सभी विदेशी कोच अच्छी नीयत के साथ भारत नहीं आते। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण ग्रेग चैपल हैं। अपने कोच रहते ग्रेग चैपल अपनी तरफ से पूरी कोशिश की कि भारत की लुटिया पूरी तरह से डुबो दी जाए। टीम के सदस्यों में आपसी मनमुटाव को बढ़ावा देना, अच्छे खिलाड़ियों की गेंदबाजी या बल्लेबाजी बिगाड़ना, भारतीय क्रिकेट को रसातल में ले जाना इत्यादि ये सभी ग्रेग चैपल की प्राथमिकताएं थी जिसे काफी हद तक उन्होंने पूरा किया। अब यही काम डंकन फ्लेचर कर रहे हैं। गैरी कर्स्टेन इसके अपवाद थे और टीम का प्रदर्शन भी उस समय अच्छा था इसलिए वो बच गये। मेरे विचार से भारत का कोच किसी भारतीय को ही होना चाहिए क्योंकि भारतीय कोच ही यहाँ के खिलाड़ियों की भावना को और खेल में हार-जीत की वजह से पूरे भारत की जनता की भावना को समझ सकता है और उसका उपाय ढूंढ सकता है। विदेशी कोच तो बस पैसे के लिए यहाँ आते हैं और अपना उल्लू सीधा कर चलते बनते हैं, उनकी कोई जवाबदेही भी नहीं बनती।  है कि नहीं ! आप का विचार क्या है ?

2 comments:

  1. बिल्कुल डंकन फ्लेचर को भी अपने घर का रास्ता दिखाना बहुत ज़रुरी है...मेरी नई पोस्ट पर स्वागत है।

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  2. aur greg chaipal jaisa team men foot bhi dalte hai....videshi chij achchhhi lagti hai shayad isliye bhi..

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